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स्विंग ट्रेडिंग: क्या? क्यों? कैसे?

अगर आप सिर्फ 8 से 10 दिनों मे और कम से कम जोख़िम के साथ अच्छा लाभ कमाना चाहते हैं तो स्विंग ट्रेडिंग एक बेहतरीन विकल्प हैं।

यदि आप विध्यार्थी है, नौकरी  करते हैं या फिर शेयर बाजार में नए आए है तो स्विंग ट्रेडिंग आपके बहुत काम आएगी।

आगे बढ़ने से पहले आपको ये जानना ज़रूरी है कि शेयर बाजार से बहुत अमीर तो बन सकते हैं लेकिन शेयर मार्केट में ट्रेड या इनवेस्ट करना जोख़िम भरा भी होता है इसलिए बिना किसी शिक्षा के या बिना किसी एक्सपर्ट की राय लिए बिना ट्रेड या इनवेस्ट न करें।

अब जानते हैं कि कैसे 8 से 10दिनों में कम रिस्क लेकर अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं, इस तरीके को कहते हैं स्विंग ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग में हम शेयर को खबरों के आधार पर या फिर चार्ट (टेक्निकल एनालिसिस) को देखकर  खरीदते हैं।

चार्ट की बात करे तो, जब स्टॉक अपने सपोर्ट लेवल के पास होता है तब उसे खरीदते हैं और जब अपने रजिस्टेंस के पास आ जाता है तो उसे बेच कर प्रॉफिट बुक कर लेते हैं और इस बीच 5 से 8 प्रतिशत का प्रॉफिट होता हैं।

इसी तरह अगर महीने में चार से पांच बार ऐसा करेंगे तो हर महीने 20 – 30  प्रतिशत तक मुनाफा  कमाया जा सकता है। अपने अध्ययन में निपुण होकर अपने प्रॉफिट को फिर से निवेश करके प्रति माह एक अच्छी रकम शेयर बाजार के कमाई जा सकती है।

इसमें आपको इंट्राडे ट्रेडिंग का रिस्क लेने की भी जरूरत नहीं है और लंबी अवधि का निवेश जितने लंबे वक्त का वेट करने की जरूरत नहीं है तो यह स्विंग ट्रेडिंग आपके बहुत काम आ सकती है अच्छा पैसा कमाने के लिए देखने में थोड़ा मुश्किल लग रहा होगा, लेकिन अगर आपने कभी भी शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की है तो भले अंजाने में ही लेकिन आपने स्विंग ट्रेडिंग कि जरूर होगी इसमें शेयर को सस्ते में खरीदते हैं और महंगे में बेच देते हैं या फिर महंगे में बेच कर बाद में सस्ते में खरीद लेते हैं, तो आपके साथ भी ऐसा जरूर हुआ होगा कि आपने लंबी अवधि के लिए शेयर खरीदा होगा और कुछ दिनों बाद जब आपको अच्छा प्रॉफिट हो गया होगा तो आपने उसे बेच दिया होगा, तो यही स्विंग ट्रेडिंग है।

लेकिन संभव है कि तब आपने बिना किसी लॉजिक के ट्रेड किया हो, लेकिन यदि हम इसे सीखकर करेंगे, लॉजिक के साथ करेंगे तब प्रॉफिट होने के अधिक संभावना होगी।

यहां पर एक बात समझने की है आठ-दस दिन हमेशा आठ-दस दिन ही हो, ऐसा निश्चिंत नहीं है, कई बार आपको ज्यादा प्रॉफिट हो जाएगा तो आप तीन चार दिन में भी बेच सकते हैं और कई बार हो सकता है कि आपको 15 या 20 दिन या फिर महीना भी इंतज़ार करना पड़े, तो वह ट्रेडर के ट्रेडिंग स्टाइल पर निर्भर करता है।

अब तक आप जान चुके होंगे कि स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है तो अब जानते हैं कि इस स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या हैं।

तो सबसे पहला फायदा है कि स्विंग ट्रेडिंग में आपको महीनों और सालों तक इंतज़ार करने की जरूरत नहीं पड़ती है जैसा कि हमें लंबी अवधि की  ट्रेडिंग में करना पड़ता है, यहां पर आपका लक्ष्य 5 से 10 प्रतिशत के प्रॉफिट का होता है और जैसे ही उसे हासिल कर लेते हैं तो आप बेचकर अपना मुनाफा बुक कर देते हैं तो इसमें आपको बहुत ज्यादा लंबा इंतज़ार करने की जरूरत नहीं पड़ती है।

इसका दूसरा फायदा यह होता है कि स्विंग ट्रेडिंग में आपको बहुत ज्यादा फंडामेंटल एनालिसिस करने की जरूरत नहीं है क्योंकि आप बहुत ज्यादा लंबे समय के लिए पोजीशन नहीं रखते तो आप न्यूज़ और टेक्निकल एनालिसिस के बेसिस पर भी स्टॉक को ले सकते हैं।

 और तीसरा सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आपको इंट्राडे ट्रेडिंग जितना रिस्क लेने की जरूरत नहीं पड़ती है तो इंट्राडे ट्रेडिंग से कम रिस्क यहां पर होता है क्योंकि इंट्राडे में आपको एक दिन में लेकर उसी दिन बेचना है यहां पर आप 8 – 10 दिन या फिर जितने चाहे उतने दिन इसको रख सकते हैं।

अभी तक इसके फायदे हमने देखे अब इसके जो नुकसान हैं वह भी देख लेते हैं उसके बाद हम देखेंगे कि स्विंग ट्रेडिंग किस तरह कि जाती है। तो सबसे पहला नकारात्मक पहलु यह है कि स्विंग ट्रेडिंग करने से जो लंबी अवधि में जो बड़ा प्रॉफिट हो सकता था उससे चूक हो सकती है और दूसरा नुकसान यह होता है कि इंट्राडे ट्रेडिंग में आप एक दिन में खरीद के उसी दिन में ही बेच देते हैं तो मार्किट बंद होने के बाद आपके ऊपर कोई तनाव नहीं होता है लेकिन क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग में कुछ दिन के लिए रखना पड़ता हैं तो यहां पर आपको तनाव की स्थिति हो सकती है यानि कि अगर कोई नकारात्मक खबर आ जाए तो आपको नुक्सान हो सकता है।

news based swing trading

स्विंग ट्रेडिंग करने का सबसे आसान तरीका होता है खबरों आधार पर स्विंग ट्रेडिंग करना तो जब किसी शेयर से

सम्बंधित कोई अच्छी न्यूज़ आती है तो ज़्यादातर उस वक्त उस शेयर में अच्छा उछाल देखने को मिलता है, ऐसे में अगर आप उस वक्त उस शेयर को खरीदते हैं तो अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

उदाहरण के लिए अगर केंद्र सरकार ने तेल कंपनियों को इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल बेचने को कहा है तब चीनी (शुगर) कंपनी के शेयर में तेज़ी देखने को मिलेगी।

रोज़ाना ऐसी कई खबरें होती हैं जो किसी न किसी शेयर को प्रभावित करती हैं। आपको बस खबरों पर नज़र रखने की ज़रूरत है और अर्थव्यवस्था के बुनियादी ज्ञान की जानकारी।

जो दूसरा तरीका है वह तरीका है चार्ट को देखकर ट्रेडिंग करना लेकिन यह तरीका थोड़ा जटिल है और सबसे बड़ी दिक्कत है कि हर किसी का अपना अलग तरीका है और मजे की बात यह है की ऐसा भी नहीं है कि कोई तरीका गलत है या कोई तरीका सही है, जो तरीका चल गया वह तरीका सही है।  

चार्ट को देखकर शेयर खरीदने के लिए सबसे पहले यह जानना हैं कि कौन से शेयर का चार्ट देखना है, यानि कि कौन से शेयर में आपको ट्रेडिंग करनी है तो स्टॉक सेलेक्ट करने के भी बहुत सारे तरीके हो सकते हैं कुछ तरीके शेयर की कीमतों पर आधारित होते है और कुछ इंडिकेटर के ऊपरनिर्भर होते है।

कुछ 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर के आस पास खरीदते है तो कुछ इंडीकेटर्स पर भरोसा करते है जैसे की मूविंग एवरेज या MACD को देख के।