ट्रेडिंग में औरो की तरह आपके लिए भी करियर हो सकता है, लेकिन शुरुआत सही तरीके से होना बेहद महत्वपूर्ण है, इस लेख में हम सात प्रमुख चरणों के बारे में बात करेंगे जो एक सफल ट्रेडिंग करियर बनाने के लिए बेहद ज़रूरी हो सकते है, यदि आप इन चरणों को सिखने के लिए तैयार हैं तो फिर नोट्स लेने के लिए एक कागज और एक कलम लें आये और अपनी पुरानी ट्रेडिंग की कोई मान्यता हो तो कुछ देर के लिए अलग रख कर कुछ नया सिखने का प्रयास करें।
ट्रेडिंग को आय का स्रोत बनाना और वित्तीय स्वतंत्रता तक पहुंचने के लिए आजमाए हुए तरीकों की खोज के लिए आइए इसमें गोता लगाएँ। चाहे आप अभी शुरुआत कर रहे हों या अपने कौशल में सुधार करना चाह रहे हों, इसके लिए 7 कदम उठाने होंगे जो ट्रेडिंग को एक आपके लिए व्यवसाय बनाने मे मदद करेंगे।
इसमें से पहला है शिक्षा।
1. शिक्षा
एक प्रोफेशनल ट्रेडर बनने के लिए पहला कदम खुद को शिक्षित करना है, इसका मतलब है वित्तीय बाजारों, ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी, जोखिम प्रबंधन और मनोवैज्ञानिक जैसी महत्वपूर्ण अवधारणाओं के बारे में सीखना।
आप ट्रेडिंग का ज्ञान और समझ हासिल करने के लिए ऑनलाइन मदद ले सकते हैं, किताबें और लेख पढ़ सकते हैं और कार्यशालाओं (workshop) में भाग ले सकते हैं, कुछ किताबें जो मैंने तब पढ़ी थीं जब मैं एक नौसिखिया था और मैं जिम्मेदारी से आपको पढ़ने की सलाह देता हूं,
- मार्क डगलस की लिखी “Trading in the Zone”, जो मेरी राय में ढेर सारी जानकारी के साथ अब तक लिखी गई सबसे अच्छी ट्रेडिंग की पुस्तकों में से एक है,
- जॉन मर्फी द्वारा लिखी “technical analysis of financial markets” जिसमे वित्तीय / शेयर बाजारों का तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis)` भी लिखा गया है जिसमें तकनीकी विश्लेषण की हजारों अवधारणाएं हैं और अंततः बाजारों में इसका अनुप्रयोग भी है,
- कर्टिस फेट द्वारा कछुए की कहानी जो आपको दिखाती है कि आप एक सरल रणनीति के साथ भी कैसे लाभदायक हो सकते हैं।
आप इन सभी को किसी भी हिंदी या इंग्लिश भाषा मे ऑनलाइन बुकस्टोर में आसानी से पा सकते हैं।
दूसरा चरण बैक टेस्ट चरण है।
2. बैक टेस्ट
एक बार जब आपको बाजारों और ट्रेडिंग रणनीतियों की ठोस समझ हो जाती है, तो अगला कदम बैक टेस्ट होता है। आपके विचारों के परीक्षण में समय के साथ ट्रेडिंग रणनीति के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए ऐतिहासिक बाजार डेटा का उपयोग करना शामिल है, इससे आप यह देख सकते हैं कि हमारे संकेतक या रणनीति ने अतीत में कैसा प्रदर्शन किया होगा और भविष्य में सफलता के लिए इसकी क्षमता को परिभाषित किया जा सकता है, यह संभवतः वह चरण हो सकता है जहां आपको अपना अधिक समय निवेश करना होगा विश्लेषण के लिए क्योंकि यह बाद में आपकी व्यक्तिगत सिस्टम बनाने के लिए बेस्ट संकेतक (इंडीकेटर्स) या विश्लेषण(स्ट्रेटेजी) के प्रकार ढूंढने की कुंजी होगी और यह कोई रहस्य नहीं है, इस कदम में केवल कड़ी मेहनत और समर्पण है। जितनी अधिक संभव हो स्थितियों या संकेतकों की अधिकतम संख्या का परीक्षण करना चाहिए, आकाश की सीमा है और आपको विभिन्न जोखिम प्रबंधन नियमों के साथ अलग-अलग समय सीमा वाले बाजारों में जो कुछ भी आप चाहते हैं उसका परीक्षण करना चाहिए और जितना अधिक आप बेहतर संकेतक और नियम संयोजनों का परीक्षण करेंगे, उतना ही बेहतर आप पाएंगे।
इस चरण के बाद ट्रेडिंग कैरियर में तीसरा चरण आता है जो की है रणनीति निर्माण चरण, दूसरे चरण में बैक टेस्टिंग करने के बाद अगला कदम एक व्यक्तिगत ट्रेडिंग रणनीति बनाना है।
3. ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी निर्माण
इसके मुख्यता तीन बिंदु है:
- इसमें किसी ट्रेड मे बनने और निकलने के लिए नियमों को परिभाषित करना,
- स्टॉप लॉस और मुनाफा परिभाषित करना और स्थापित करना,
- ट्रेड के जोखिम प्रबंधन करना।
आगे बढ़ते हुए नंबर चार पर आता है डेमो अकाउंट।
4. डेमो अकाउंट
इस चरण मे अभी तक जो सीखा है उसको डेमो अकाउंट के जरिए परीक्षण करना है, एक डेमो अकाउंट आपको वर्चुअल मनी का उपयोग करके लाइव मार्केट डेटा पर ट्रेड करने की आज़ादी देता है। अपनी रणनीति को और भी अधिक अनुकूलित करने और वास्तविक धन को जोखिम में डाले बिना आवश्यक समायोजन करने का एक शानदार तरीका है, इस तरीके पर काम करें और ज्यादा से ज्यादा काम करके तकनीक का सुधार करें जब तक कि आप आश्वस्त न हो जाएं कि आपकी रणनीति वास्तविक ट्रेडिंग पर उपयोग करने के लिए तैयार है।
डेमो अकाउंट के बाद आप पांचवे चरण पर जा सकते हैं, जो की है वास्तविक अकाउंट से हाथ आजमाना।
5. वास्तविक अकाउंट (छोटी पूँजी) के साथ
शुरुआत छोटी पूंजी के साथ वास्तविक खाते पर रणनीति का उपयोग करना है, वास्तविक ट्रेडिंग खाते पर जोखिम को कम करने के लिए पूंजी की एक छोटी राशि के साथ शुरू करें और जैसे-जैसे आप अनुभव प्राप्त करते हैं, अपना आत्मविश्वास विकसित करें, उदाहरण के लिए आप 500/- ट्रेडिंग खाते से शुरुआत कर सकते हैं और प्रत्येक व्यापार पर अपनी पूंजी का केवल एक प्रतिशत या फिर ट्रेडिंग सिस्टम के आधार पर जोखिम में डाल सकते हैं, यह अनुमति देगा आप छोटे और लगातार लाभ कमा सकते हैं क्योंकि आप अनुभव कर सकते हैं और अपने ट्रेडिंग सिस्टम को निखार सकते हैं, याद रखें कि लालची न हों, एक समय में एक कदम उठाएं।
6. वास्तविक अकाउंट (पूंजी वृद्धि) के साथ
अगला चरण नंबर छह है जो वास्तविक खाते पर पूंजी वृद्धि है क्योंकि आप अधिक आश्वस्त हो जाते हैं और अपनी ट्रेडिंग में सफल होने पर आप धीरे-धीरे अपनी पूंजी बढ़ा सकते हैं, उदाहरण के लिए आप हर महीने अपने ट्रेडिंग खाते में एक हज़ार रुपए जोड़ सकते हैं क्योंकि आप अपनी ट्रेडिंग में अधिक सहज हो जाते हैं, इससे आपको अपनी स्थिति का आकार बढ़ाने और इसके अंत में बड़ा रिटर्न उत्पन्न करने मे मदद मिलेगी।
छठे चरण पर आप कह सकते हैं कि अब आप एक नौसिखिया ट्रेडर नहीं बल्कि शिक्षित एवं प्रोफेशनल ट्रेडर हैं क्योंकि आप पहले से ही अपने वास्तविक ट्रेडिंग खाते से हर महीने अतिरिक्त वेतन कमा सकते हैं लेकिन यदि आप अपने करियर को और भी ऊपर उठाने का प्रयास कर रहे हैं तो आप एक और कदम उठा सकते हैं जो की हमारा सातवां और अंतिम चरण है।
सातवां और अंतिम चरण एक ट्रेडिंग फर्म बनाना।
7. ट्रेडिंग फर्म बनाना
- इसके जरिए आप पूरी तरह प्रोफेशनल ट्रेडिंग में लिप्त जाएंगे,
- भविष्य में आप ट्रेडिंग को अपनी फर्म के द्वारा नए मुक़ाम तक ले जा सकते हो,
- टैक्स के नजरिये से देखें तो फर्म के होने से आपको कई लाभ भी है।
उम्मीद है आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा और आपको कुछ नया सीखने को मिला होगा
धन्यवाद! हैप्पी ट्रेडिंग।